शनिवार, 27 अगस्त 2016

Old Indian currency system

एक आईडिया अगर जिंदगी बदल सकता है तो एक विषय , एक टॉपिक दिमाग को घुन लगाने के लिए काफी है ! व्हाट्स एप्प पर नीरज अवस्थी जी की एक छोटी सी पोस्ट आई इस विषय से सम्बंधित,  और मन में ये बात बैठ गयी कि टॉपिक न केवल मनोरंजक रहेगा बल्कि जानकारी से भरा भी होगा ! उस दिन से जितना भी समय मिलता गूगल चाचा के कान में ऊँगली कर देता , चचा बताओ ! चचा बताते तो फिर चुल्ल उठती , चचा थोड़ा और बताओ ! कॉलेज में मुफ्त के ब्रॉडबैंड और मुफ्त का Wi-Fi , लेकिन समय की कमी ! आखिर गूगल चाचा के कान में ऊँगली करते करते पाकिस्तान के ब्लॉगर के ब्लॉग तक भी पहुँच गया ! उर्दू की थोड़ी समझ है , जितनी अंग्रेजी की है , उससे कुछ ज्यादा कह सकते हो ! अगर अंग्रेजी में 10 में से तीन नम्बर आएंगे तो उर्दू में साढ़े तीन ! 





विषय भी क्या था - आपने अच्छी तरह सुना होगा और कहा भी होगा ! पहले सोचिये , याद करिये , कभी आपने ये शब्द किसी को कहे हैं या किसी ने आपसे कहे हैं ?  वैसे ऐसे शब्द प्राइवेट नौकरी में बॉस अपने अधीन कर्मचारी से , दूकान मालिक अपने नौकर से और घर में माँ बाप अपने बेटे से खूब कहते हुए मिलेंगे ! ये मुहावरे देखते हैं :


"चमड़ी जाये पर दमड़ी ना जाए"               “Chamri jae par Damri na jae”

" कौड़ी के मोल बिकना "                           “Cowrion ke mol bikna”

"इसके पास तो एक फूटी कौड़ी भी नही है "     “Is ke paas to ek Phooti Cowri bhi nahi hai”

"ये लड़का तो एक धेले का भी काम नही करता "
“yeh ladka to ek Dhelay ka bhi kaam nahi karta hai ”



सुनी हैं न ये सब कहावतें ? सुनी होंगी यार सबने , कौन सा आप इंग्लैंड से आये हो ? हाहाहा ! और मुझे पूरा भरोसा है कि आपने ये वाली कहावतें भी जरूर सुनी होंगी !


" इसे तो मैं एक फूटी कौड़ी भी नहीं दूंगा अपनी जायदाद में से "
" ise to main ek 'phooti cowrie' bhi nahin doonga apni jaaydaad mein se ..

" हमारी बहु तो पूरा दिन बस टीवी देखती रहती है , धेले भर का काम नही करती "  
" Hamari bahu to poora din bas TV dekhti rahti hai , dhelay bhar ka kaam nahi karti "

"पाई पाई का हिसाब दे दूंगा " 
" Pie Pie ka Hisab de dunga "
कभी ये सोच में आया कि ये शब्द आये कहाँ से ? वैसे जहां सोच वहां ......... ? जो सोचना है सोच लो ! तो ये शब्द असल में हमारी पुराने जमाने की मुद्रा (Currency ) से आये हैं ! मतलब आज के जमाने की तरह पुराने समय में पैसा , रुपया नही बल्कि कौड़ी , फूटी कौड़ी , दमड़ी , धेला , पाई ये सब चलते थे !


तो आज का विषय यही है भाई , भारत देश की पुरानी मुद्रा ! आज आप जो रुपया देखते हो , पैसा देखते हो वो बहुत देर में , बहुत मॉडिफिकेशन के बाद आया है ! विश्व में सबसे पहले सिक्का (Coin ) भारत के प्राचीन मौर्या शासन काल में लगभग 6 वीं सदी में शुरू हुआ था और वहीँ से रुपया आया ! रुपया ,संस्कृत शब्द "रूप" से आया है ! मौर्य वंश में जो सिक्के प्रचलित थे उन पर किसी न किसी जानवर या भगवान की आकृति छपी रहती थी।, आकृति मतलब उसका रूप और वो ही रूप आगे चलकर रुपया हो गया ! इसी सिक्का मुद्रा को आगे मुग़ल लोगों ने भी जारी रखा लेकिन पहले जो आकृति इन पर अंकित की जाती थी उसकी जगह उर्दू -फ़ारसी में उस शासक का नाम लिखा जाने लगा ! फिर 1540 ईसवी के आसपास शेर शाह सूरी ने अपने सिक्के जारी किये ! हालाँकि इस बीच बहुत से शासकों ने अपने अपने सिक्के चलवाये जो चमड़े से लेकर सोने तक के बने हुए थे लेकिन वो ज्यादा प्रचलित नही हो सके !

ये जो फूटी कौड़ी होती थी वो ऐसा नही है कि बाबा आदम के जमाने में चलती होगी , ये मुद्रा यानि कौड़ी बंगाल -ओडिशा में 19 वीं शताब्दी तक प्रचलन में रही है ! हालांकि तब बाकी जगह कॉपर के सिक्के चलते थे लेकिन कौड़ी की प्रसिद्धि इतनी थी कि कोई ताँबे के सिक्के लेता ही नही था और अगर आप उस वक्त , मतलब  लगभग 1821 ईसवी में कौड़ी की  कीमत देखें तो एक रूपये में 2560 कौड़ी आती थीं !

Old Indian currency system


Phootie Cowrie to Cowrie           फूटी कौड़ी से कौड़ी
Cowrie to Damri                          कौड़ी से दमड़ी
Damri to Dhela                           दमड़ी से धेला
Dhela to Pie                                धेला से पाई
Pie to to Paisa                            पाई से पैसा
Paisa to Rupya                           पैसे से रुपया
256 Damri (दमड़ी ) = 192 Pie (पाई ) = 128 Dhela (धेला ) = 64 Paisa (old) (पुराने पैसे ) = 16 Anna (आना )  = 1 Rupya (रुपया ) 


 तो मिलते हैं फिर जल्दी ही  , तब तक आप चाहो तो ये फोटू भी देखते जाओ:






फूटी कौड़ी
Phootie Cowrie

कौड़ी cowrie



धेला dhelaa

पाई pie

आना aanaa






खुश रहिये , मजे करिये ! राम राम


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